ऑप्शन ट्रेडिंग (Option Trading) आजकल निवेशकों और ट्रेडर्स के बीच बहुत लोकप्रिय हो चुकी है, खासकर इंट्राडे ट्रेडर्स (Intraday Traders) के बीच। लेकिन जब कोई इस क्षेत्र में नया आता है, तो सबसे पहला और जरूरी कॉन्सेप्ट होता है – स्ट्राइक प्राइस (Strike Price)।
यह लेख आपको सरल हिंदी में यह समझाने के लिए तैयार किया गया है कि स्ट्राइक प्राइस क्या है, इसका ऑप्शन प्रीमियम और मुनाफे-नुकसान से क्या संबंध है, और ट्रेडिंग में इसे कैसे चुनें।

Table of Contents
- स्ट्राइक प्राइस (Strike Price) क्या होता है?
- Strike Price का Selection क्यों ज़रूरी है?
- ATM, ITM और OTM क्या होते हैं?
- स्ट्राइक प्राइस का चुनाव कैसे करें?
- Option Premium और Strike Price का संबंध
- Strike Price और Profitability का गणित
- बैंक निफ्टी / निफ्टी में Strike Price कैसे Gap में होते हैं?
- Strike Price Selection के लिए Tips
- Strike Price Selection Tools
- निष्कर्ष
स्ट्राइक प्राइस (Strike Price) क्या होता है?
स्ट्राइक प्राइस वह मूल्य (Price) होता है जिस पर Option Buyer को किसी अंडरलाइंग एसेट (Underlying Asset – जैसे Nifty, Bank Nifty, Stock आदि) को भविष्य में खरीदने या बेचने का अधिकार मिलता है।
- अगर आप Call Option खरीदते हैं, तो स्ट्राइक प्राइस वह मूल्य है जिस पर आप भविष्य में उस एसेट को खरीद सकते हैं।
- अगर आप Put Option खरीदते हैं, तो स्ट्राइक प्राइस वह मूल्य है जिस पर आप भविष्य में उस एसेट को बेच सकते हैं।
सरल भाषा में:
स्ट्राइक प्राइस = वह स्तर जिस पर आप शर्त लगाते हैं कि मार्केट पहुंचेगा या नहीं।
Strike Price का Selection क्यों ज़रूरी है?
Option Trading में आपका Profit या Loss बहुत हद तक इस बात पर निर्भर करता है कि आपने कौन सा Strike Price चुना है।
गलत स्ट्राइक चुनने से चाहे ट्रेंड सही हो, फिर भी नुकसान हो सकता है।
ATM, ITM और OTM क्या होते हैं?

स्ट्राइक प्राइस को उनकी वर्तमान मार्केट प्राइस (Spot Price) के आधार पर 3 भागों में बांटा जाता है:
1. ATM – At the Money
ATM वह स्ट्राइक प्राइस होता है जो अंडरलाइंग की वर्तमान कीमत के सबसे करीब होता है।
उदाहरण:
अगर Nifty का Spot Price = 22540 है,
तो 22550 या 22500 Strike Price = ATM माने जाएंगे।
2. ITM – In the Money
ITM वह स्ट्राइक प्राइस होता है जो ट्रेडर के पक्ष में है।
- Call Option के लिए: Spot Price > Strike Price
- Put Option के लिए: Spot Price < Strike Price
ITM Option का Premium ज्यादा होता है, लेकिन उसमें मूवमेंट थोड़ा धीमा होता है।
3. OTM – Out of the Money
OTM वह स्ट्राइक प्राइस होता है जो अभी Spot Price से दूर है और ट्रेडर के पक्ष में नहीं है।
- Call Option के लिए: Spot Price < Strike Price
- Put Option के लिए: Spot Price > Strike Price
OTM Options सस्ते होते हैं (कम Premium), लेकिन उनमें Risk ज़्यादा होता है।
स्ट्राइक प्राइस का चुनाव कैसे करें?
यह पूरी तरह आपकी ट्रेडिंग रणनीति, जोखिम सहनशीलता और समयावधि पर निर्भर करता है।

Intraday Traders के लिए:
- ATM या थोड़ा OTM Strike चुनना बेहतर होता है।
- क्योंकि ये सस्ते होते हैं और Volatility में तेज़ मूव करते हैं।
Positional Traders के लिए:
- ITM Strike सुरक्षित माने जाते हैं क्योंकि उनमें टाइम डिके (Time Decay) का असर कम होता है।
Option Premium और Strike Price का संबंध
Option Premium तीन चीजों पर निर्भर करता है:
- Intrinsic Value – ITM Options में यह मौजूद होता है।
- Time Value – जितना ज्यादा समय Expiry में बाकी होगा, Premium उतना ही ज़्यादा होगा।
- Volatility – ज़्यादा Volatility होने पर Premium भी बढ़ता है।
उदाहरण के लिए:
Strike Price | Type | Spot Price = 22500 | Premium |
---|---|---|---|
22400 | ITM Call | ₹120 | |
22500 | ATM Call | ₹85 | |
22600 | OTM Call | ₹45 |
Strike Price और Profitability का गणित
मान लीजिए आपने Nifty 22600 CE (Call Option) ₹45 पर खरीदा।
Expiry के समय Nifty पहुंचा 22700।
तो:
Profit = (22700 – 22600) – Premium
= ₹100 – ₹45 = ₹55 प्रति Lot
1 Lot Nifty = 50 Qty
तो कुल Profit = ₹55 × 50 = ₹2750
अगर आपने गलत स्ट्राइक चुना होता (जैसे 22800), और मार्केट वहीं तक नहीं पहुंचा, तो Premium पूरा जीरो हो सकता था।
बैंक निफ्टी / निफ्टी में Strike Price कैसे Gap में होते हैं?
- Nifty में Strike Price का अंतर आमतौर पर 50 अंक होता है।
(जैसे: 22400, 22450, 22500…) - Bank Nifty में यह अंतर आमतौर पर 100 अंक होता है।
(जैसे: 47600, 47700, 47800…)
Strike Price Selection के लिए Tips
- Trend को समझें – Bullish Market में ATM या थोड़ा ITM Call लें।
- Volatility को देखें – ज्यादा IV (Implied Volatility) हो तो Deep OTM ना चुनें।
- Risk Appetite के हिसाब से चुनें – Safe Players ITM लें, Risky Players OTM।
Strike Price Selection Tools
ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म जैसे:
- Sensibull (Zerodha में मिलता है)
- Opstra Definedge
- NSE की Option Chain
इनमें आप देख सकते हैं:
- Open Interest (OI)
- Volume
- Change in OI
- IV
- PCR (Put Call Ratio)
इनसे आपको यह समझने में मदद मिलेगी कि कौन-सी Strike पर भारी ट्रेडिंग हो रही है और मार्केट की उम्मीद किस ओर है।
निष्कर्ष (Conclusion)
Strike Price सिर्फ एक नंबर नहीं, बल्कि ऑप्शन ट्रेडिंग की नींव है। सही स्ट्राइक प्राइस चुनना मतलब अपने मुनाफे की संभावना बढ़ाना। यह न केवल ऑप्शन के प्रीमियम को प्रभावित करता है, बल्कि आपकी ट्रेडिंग रणनीति की सफलता या असफलता भी इसी पर निर्भर करती है।
सुझाव:
हर ट्रेड से पहले यह ज़रूर सोचें — “क्या मेरा Strike Price उस Target को Match करता है जो मैं Expect कर रहा हूँ?
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