Last updated on April 11, 2025
आज के समय में शेयर बाजार (Stock Market) में निवेश करने के कई तरीके हैं, और ऑप्शन ट्रेडिंग (Option Trading) उनमें से एक बेहद लोकप्रिय और लाभकारी तरीका बन चुका है।
हालांकि यह सामान्य शेयर खरीदने-बेचने से थोड़ा अलग और जटिल होता है, लेकिन सही जानकारी के साथ इसे समझना आसान हो सकता है।

Table of Contents
What is Option Trading?
ऑप्शन ट्रेडिंग (Option Trading) एक प्रकार की डेरिवेटिव ट्रेडिंग (Derivative Trading) है, जिसमें निवेशक (Investor) को किसी शेयर (Stock) या एसेट (Asset) को एक निश्चित मूल्य पर (Strike Price) और एक निश्चित समय सीमा तक (Expiry Date) खरीदने (Buy) या बेचने (Sell) का अधिकार (Right) मिलता है — लेकिन उस लेन-देन को पूरा करने की कोई बाध्यता (No Obligation) नहीं होती।
यह ट्रेडिंग आपको स्टॉक को सीधे खरीदने की बजाय, उसके प्राइस मूवमेंट (Price Movement) पर दांव लगाने का अवसर देती है — चाहे वह ऊपर (Uptrend) जाए या नीचे (Downtrend)।
There are two main parties:
- बायर (Buyer): जिसे खरीदने या बेचने का अधिकार मिलता है।
- सेलर (Seller): जिसे वह अनुबंध मानना ही होता है यदि बायर चाहे।
Types of Options:
Call Option:
यह आपको भविष्य में किसी निश्चित कीमत (Strike Price) पर कोई स्टॉक खरीदने का अधिकार देता है।
उदाहरण (Example):
मान लीजिए किसी स्टॉक की वर्तमान कीमत ₹100 है और आप कॉल ऑप्शन लेते हैं ₹105 पर।
अगर स्टॉक की कीमत बढ़कर ₹120 हो जाती है, तो आप उसे ₹105 में खरीदकर लाभ कमा सकते हैं।
Put Option:
यह आपको भविष्य में किसी निश्चित कीमत पर स्टॉक को बेचने का अधिकार देता है।
उदाहरण (Example):
अगर आपको लगता है कि किसी स्टॉक की कीमत गिरेगी, तो आप पुट ऑप्शन लेते हैं ₹100 पर।
यदि स्टॉक ₹80 तक गिर जाता है, तो आप ₹100 पर बेचकर लाभ ले सकते हैं।
Key Components of Option Trading:

शब्द | मतलब |
---|---|
Premium | ऑप्शन खरीदने के लिए जो राशि चुकानी होती है। |
Strike Price | वह कीमत जिस पर आप खरीद/बेच सकते हैं। |
Expiry Date | वह अंतिम तिथि जब तक ऑप्शन वैध रहता है। |
Lot Size | एक ऑप्शन कॉन्ट्रैक्ट में शामिल शेयरों की संख्या। |
In the Money (ITM) | जब ऑप्शन फायदेमंद हो |
Out of the Money (OTM) | जब ऑप्शन का कोई फायदा नहीं हो |
ऑप्शन को कैसे खरीदें और बेचें?
ऑप्शन ट्रेडिंग करने के लिए आपको इन स्टेप्स को फॉलो करना होता है:
1. ट्रेडिंग अकाउंट खोलें:
शेयर बाजार में ट्रेडिंग के लिए किसी ब्रोकरेज प्लेटफ़ॉर्म (जैसे Zerodha, Upstox, Angel One आदि) पर डिमैट और ट्रेडिंग अकाउंट खोलें।
2. F&O (Futures & Options) एक्टिवेट कराएं:
ऑप्शन ट्रेडिंग के लिए F&O सेगमेंट को एक्टिवेट कराना जरूरी होता है।
3. ऑप्शन सेलेक्ट करें:
आप जिस स्टॉक या इंडेक्स (जैसे Nifty, Bank Nifty) पर ट्रेड करना चाहते हैं, उसका कॉल या पुट ऑप्शन चुनें।
4. ट्रेड प्लेस करें:
Buy या Sell ऑप्शन का चयन करें, लॉट साइज और प्रीमियम देखें और ऑर्डर प्लेस करें।
❗ नोट: ऑप्शन में एक “लॉट” में कई शेयर होते हैं, उदाहरण के लिए Nifty का 1 लॉट = 50 शेयर।

Benefits of Option Trading:
- कम पूंजी में अधिक लाभ (High Return on Low Capital) ऑप्शन ट्रेडिंग में आपको किसी शेयर को पूरा खरीदने की ज़रूरत नहीं होती — आप सिर्फ उसका Option Contract खरीदते हैं जो कहीं ज़्यादा सस्ता होता है।
- हेजिंग (Hedging): हेजिंग से अगर स्टॉक गिर भी जाए तो ऑप्शन से आपको फायदा हो सकता है, जो आपके नुक़सान को Offset कर देता है। Hedging ऑप्शन ट्रेडिंग निवेशकों को सुरक्षा कवच (Protection) देती है, खासकर उतार-चढ़ाव वाले मार्केट में।
- लचीलापन (Flexibility): चाहे तो खरीदें, न चाहें तो छोड़ सकते हैं।
Risks of Option Trading:
- पूरा प्रीमियम डूब सकता है अगर ट्रेड आपकी उम्मीद के अनुसार न चले।
- जटिलता (Complexity): नए निवेशकों के लिए थोड़ा कठिन।
- समय की सीमा (Time Decay): एक्सपायरी के बाद ऑप्शन का कोई मूल्य नहीं।
Option Chain और ज़रूरी पहलू:
ऑप्शन चेन एक टेबल होती है जिसमें किसी स्टॉक या इंडेक्स के सभी कॉल और पुट ऑप्शन की जानकारी होती है, जैसे:
- Strike Price
- Open Interest (OI)
- Volume
- LTP (Last Traded Price)
- IV (Implied Volatility)
यह डाटा यह जानने में मदद करता है कि बाजार में किस दिशा की उम्मीद की जा रही है।
निष्कर्ष (Conclusion):
ऑप्शन ट्रेडिंग एक शानदार फाइनेंशियल टूल है जिससे आप बाजार के उतार-चढ़ाव का फायदा उठा सकते हैं। लेकिन यह आसान नहीं है — सही शिक्षा (Education), रणनीति (Strategy) और जोखिम प्रबंधन (Risk Management) जरूरी है।
Be First to Comment